ब्रॉडकास्ट विज्ञापन एक बहुत ही प्रसिद्ध तरीका है जो की अपनी कई शाखाओं जैसे टीवी, रेडियो और इंटरनेट द्वारा जुड़ा हुआ है। अपनी उत्पत्ती के समय से ही टीवी विज्ञापन एक सशक्त माध्यम रहा है। टीवी विज्ञापन की लागत अक्सर विज्ञापन की अवधि, प्रसारण का समय (प्राइम टाइम / लल टाइम) यानी किस वक्त यह प्रसारित होगा एवम् चैनेल की लोकप्रियता पर निर्धारित करता है। बेशक आज ने दौर मे मीडीया के नये माध्यम आ गये है और आज रेडियो अपनी चमक खो रहा है, परंतु आज भी ऐसे मझोले कारोबारी जो विज्ञापन पर काम पैसा खर्च करते है उनकी पहली पसंद बनी हुई है। रेडियो जिंगल आज भी एक बहुत लोकप्रिय विज्ञापन का माध्यम माना जाता है। आज भी कई लोग आप पुराने रेडियो जिंगल गाते और उसका आनंद उठाते देख सकते है। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है की आज भी रेडियो जिंगल का असर लोगो पर बरकरार है।
कवर्ट एडवरर्टाइज़िंग (गुप्त विज्ञापन)
सिनेमा में विज्ञापनकवर्ट एडवरर्टाइज़िंग एक विशेष प्रकार का विज्ञापन है जिसमे कोई एक ब्रांड या उत्पाद किसी फिल्म, नाटक, टीवी शो, यहाँ तक की खेल मे जोड़ दिया जाता है। यह मनोरंजन के मध्य में आने वाला कोई व्यवसायिक विज्ञापन नहीं होता और जाहिर तौर पर उत्पाद या ब्रांड का प्रदर्शन नहीं किया जाता। इस माध्यम का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण होलिवुड की मशहूर फिल्म माईनोरीटी रिपोर्ट में टॉम क्रूज के फोन पर नोकिया ब्रांड प्रदर्शित किया जाता है इसी प्रकार फिल्म मैट्रिक्स रीलोडेड में कैडिलैक कारों का उपयोग किया जाना है। अगली बार जब आप ध्यान से देखेंगे तो आप कई हिन्दी फिल्मों मे भी इसी प्रकार के उदाहरण स्पष्ट रूप पायेंगे।
सिनेमा में विज्ञापनकवर्ट एडवरर्टाइज़िंग एक विशेष प्रकार का विज्ञापन है जिसमे कोई एक ब्रांड या उत्पाद किसी फिल्म, नाटक, टीवी शो, यहाँ तक की खेल मे जोड़ दिया जाता है। यह मनोरंजन के मध्य में आने वाला कोई व्यवसायिक विज्ञापन नहीं होता और जाहिर तौर पर उत्पाद या ब्रांड का प्रदर्शन नहीं किया जाता। इस माध्यम का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण होलिवुड की मशहूर फिल्म माईनोरीटी रिपोर्ट में टॉम क्रूज के फोन पर नोकिया ब्रांड प्रदर्शित किया जाता है इसी प्रकार फिल्म मैट्रिक्स रीलोडेड में कैडिलैक कारों का उपयोग किया जाना है। अगली बार जब आप ध्यान से देखेंगे तो आप कई हिन्दी फिल्मों मे भी इसी प्रकार के उदाहरण स्पष्ट रूप पायेंगे।
सरोगेट विज्ञापन - परोक्ष रूप से विज्ञापन
सरोगेट विज्ञापन
या परोक्ष विज्ञापन उस वक्त किए जाते है जब एक कम्पनी के विशेष उत्पाद को
उस देश के कानून द्वारा प्रतिबन्धित कर दिया गया हो। सिगरेट या शराब, जैसे उत्पादों के लिए विज्ञापन कई देशों में कानून द्वारा निषिद्ध किया गया है क्योकी ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं अतः ऐसी कम्पनिया अपने अन्य उत्पाद का विज्ञापन उसी नाम के साथ करते है और परोक्ष रूप से अपने प्रतिबन्धित उत्पाद की के ब्रांड की याद ग्राहकों को कराते है। सरोगेट विज्ञापन का आम उदाहरण में किंगफ़िशर एवेम फॉस्टर बीयर के विज्ञापन शामिल है।
लोक सेवा विज्ञापन - सामाजिक कारणों के लिए विज्ञापन
लोक
सेवा विज्ञापन - सामाजिक कारणों के लिए विज्ञापन का प्रयोग मुख्यतया समाज
में प्रसंगिक संदेश देने के लिये प्रभावी संचार माध्यम के रूप मे किया जाता
है। जैसे एड्स, ऊर्जा संरक्षण, राजनीतिक अखंडता, वनों की
कटाई, अशिक्षा, गरीबी जैसे सामाजिक मुद्दों से जुड़े हुये मामलो के विज्ञापन । सामाजिक चेतना से जुड़े हुए विज्ञापन आज
समाज के बदलने मे बड़ी भूमिका निभा रहे है। इस माध्यम का सबसे उत्तम
उदाहरण है फिल्म अभिनेता आमिर खान द्वारा किया जाने वाला अतुल्य भारत
"इनक्रेडिबले इंडिया" का विज्ञापन ।
सेलिब्रिटी विज्ञापन
आज दर्शक चालाक और होशियार हो रहे है, और उपभोक्ता विज्ञापन मे किया जाने वाले अतिश्योक्तिपूर्ण दावों पर भरोसा नहीं करते फिर भी प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा किये जाने वाले विज्ञापन की लोकप्रियता अभी भी मौजूद है। प्रिंट मीडिया विज्ञापन और टीवी विज्ञापन के लिए मशहूर हस्तियों को साइन करने का चलन अभी भी बरकरार है। उदाहरण के तौर पर बूस्ट एनर्जी ड्रिंक का विज्ञापन
मशहूर क्रिकेट खिलाडी सचिन तेंदुलकर करते है। आज धोनी और सचिन भारत के
सबसे प्रसिद्ध 20-20 से भी अधिक ब्राण्ड्स के ब्राण्ड्स अंबेसेडर बने हुए
है। हालांकि ये उत्पाद ग्राहकों के लिये कितने लाभकारी है इसका मूल्याँकन
ग्राहक को स्वयं करना होता है।
दुकान मे विज्ञापन
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