टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी के फैसले से इलेक्ट्रॉनिक मीडीया मे आयेगा ढलान, डिजिटल मीडीया, सोशल मीडीया और प्रिंट मीडीया में लौटेगा उछाल
विज्ञापन और मीडीया क्षेत्र के लिये २०१४ काफी मुश्किल भरा साबित हो सकता है। हाल ही मे टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी के फैसले ने मीडीया घरानो को धडकनो को बढ़ा दिया है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी के अनुसार अब कोई भी चेनेल 1 घंटे मे 10 मिनिट से अधिक विग्यापन नहीं दिखा सकेगा।
10+2 एड कैप विज्ञापनदाता और प्रसारक के बीच के संघर्ष मे तब्दील हो जायेगा। इस फैसले से कोई भी टीवी चैनल एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान 10 मिनिट से अधिक अवधि तक विज्ञापन नहीं दिखा सकेगा ( केवल खेलो का सीधा प्रसारण दिखाने वाले चेनेल अपवाद होंगे). अथॉरिटी के यह फैसला उन टीवी चैनल के लिये विनाशकारी साबित होगा जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे है। इसका प्रभाव विज्ञापनदाता पर भी निस्चित रूप से पड़ेगा, क्युकी सभी सफल मीडीया संस्थान विग्यापनो कीदरे बढ़ा देंगे। सबसे अधिक नुकसान उन छोटे विज्ञापनदाताओ को होगा जो काम खर्च में अपना विज्ञापन बड़े इलेक्ट्रॉनिक चैनेल पर देते है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी के इस फैसले से सोशल मीडीया मार्केटिंग मे ज़बरदस्त बूम आने की संभावना है। हालांकि बहुत से बड़े औधिक घराने और बड़े व्यापारिक संस्थान पहले से ही सोशल मीडीया से जुड़े हुए है और अपने प्रचार प्रसार मे लगे हुए है। अब तक सोशल मीडीया का प्रयोग सिर्फ ग्राहको की शिकायतो पर ध्यान देने और अपने उत्पाद की ब्रांडिंग के लिये ही किया जा रहा था। परंतु अब सोशल मीडीया के द्वारा विग्यापन करने और उसको बढ़ावा देने के लिये भी विचार करना सभी व्यापारिओ और समूहो के लिये अवश्यक हो जायेगा। सोशल मीडीया मे बूम आने की वजह से सोशल मीडीया मे धोखेधड़ी की शिकायतें भी बढ़ेंगी। सभी बड़े ब्राण्ड्स और कम्पनिओ के लिये इस तरह की घटनाओ पर लगाम लगाने के लियेटेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी के इस फैसले से सोशल मीडीया मार्केटिंग मे ज़बरदस्त बूम आने की संभावना है। हालांकि बहुत से बड़े औधिक घराने और बड़े व्यापारिक संस्थान पहले से ही सोशल मीडीया से जुड़े हुए है और अपने प्रचार प्रसार मे लगे हुए है। अब तक सोशल मीडीया का प्रयोग सिर्फ ग्राहको की शिकायतो पर ध्यान देने और अपने उत्पाद की ब्रांडिंग के लिये ही किया जा रहा था। परंतु अब सोशल मीडीया के द्वारा विग्यापन करने और उसको बढ़ावा देने के लिये भी विचार करना सभी व्यापारिओ और समूहो के लिये अवश्यक हो जायेगा। सोशल मीडीया मे बूम आने की वजह से सोशल मीडीया मे धोखेधड़ी की शिकायतें भी बढ़ेंगी। सभी बड़े ब्राण्ड्स और कम्पनिओ के लिये इस तरह की घटनाओ पर लगाम लगाने के लिये एकसपर्ट्स को रखने में निवेश करना होगा।
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