Monday, 6 January 2014

History of Media, Television, Internet, Radio & Smart Phones

मास मीडिया का इतिहास
मास मीडिया हमे लोगो से जोडने मे मदद करता है। मास मीडिया " जॉ दुनिया को हमारी नज़रो के सामने लाता है" आईये एक नज़र डालते है उस मास मीडिया के इतिहास पर जॉ आज दुनिया में लोकप्रिय सार्वजनिक मीडिया के रूप में जाना जाता है। 

मास मीडिया क्या है? 
टेलीविजन, रेडियो, सिनेमा, समाचार पत्र, इंटरनेट, पत्रिकाओं और पुस्तकों के उपयोग के माध्यम से जॉ एक जानकारी को बड़े पैमाने पर लोगों को पहुचाये वह मास मीडिया के रूप में जाना जाता है। 

कल्पना कीजिये क्या आज के दौर में हम कभी मोबाइल फोन, टीवी या इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना कर सकते हैं? शायद नहीं! अगर आज अगर ऐसे गेजेट्स नहीं होते जॉ हमे एक दूसरे से कन्नेक्ट कर सकते है तो निश्चित तौर पर आज या दुनिया बहुत बड़ी जगह होती. आज हम एक बटन के क्लिक के साथ ज्ञान पा सकते ही, दुनिया मे घटने वाली हर घटना की जानकारी प्राप्त कर सकते है, असानी से एक दूसरे से संवाद स्थापित कर सकते है। एक नज़र डालते है की किस प्रकार मास मीडिया ने किस प्रकार विकास किया है। 

मास मीडिया का विकास
मास मीडिया का विकास उस पुरतन समय से हो रहा है जब राजा पुस्तकों और नाटकों को लिखने के लिये अपने दरबार मे कवियों और लेखको को संरक्षण दिया करते थे। मीडिया की शक्ति को लोग उस पुराने समय से जानते है जब मीडिया ने कई शक्तिशाली राजवंशो को समाप्त कर दिया और नए सम्राज्यों का उदय किया। मास मीडिया नें सामाजिक जागरुक्ता पैदा करने मे बड़ी भूमिका अदा की है साथ हो लोगो के सोचने के नज़रिये को भी विकसित किया है। 

प्रारंभिक वर्ष
मास  मीडिया ने 3300 ई.पू. तब उभरना शुरू किया जब इजिपटियंस ने हियरोग्राफिक्स को सिद्ध किया। यह लेखन प्रणाली प्रतीकों पर आधारित था। बाद में  लगभग 1500 ईसा पूर्व में, सेमिटस व्यंजन के साथ अक्षर तैयार किए गए। तत्पश्चात 800 ई.पू. यूनानियों ने वर्णमाला को स्वर के साथ पेश किया। 

बूक अर्थात किताबें
यूँ तो प्राचीन समय में कई किताबों की लिखा गया, लेकिन सूत्र बतातें है की पहली मुद्रित किताब 868 ईस्वी में चीन में लिखा गया "डाईमंड सूत्र" है। परन्तु चीन में साक्षरता की धीमी गति और कागज़ की अधिक लागत के साथ मुद्रण के अभाव के कारण इसकी वृद्धि नहीं कर सका। किताबों को लोगों की बड़ी संख्या तक पहुँचने के लिए आवश्यक गति, मुद्रण प्रौद्योगिकी विकसित की गयी। 1400 ई. में जोहानिस गूटेनबर्ग नाम के एक जर्मन सुनार नें पेंच पर आधारित एक चलती फिरती प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किया उसी प्रिंटिंग प्रेस द्वारा प्रकाशित पुरस्तक ' गुटेनबर्ग बाइबल' जो 1453 मे प्रकाशित हुई उसे ही पहली छपी हुई किताब माना जाता है। जर्मनी की एक शहर से दूसरी शहर तक यह प्रिंटिंग प्रेस पूरे यूरोप में जंगल की आग की तरह फैल गया।  1468 में ई. विलियम कॅक्सटन ने इंग्लैंड में पहले मुद्रित विज्ञापन के साथ एक पुस्तक का प्रकाशित किया। वर्ष 1500 ई. तक पुस्तकों  की दो लाख से अधिक प्रतियां इन देशों में छपी गई थी। अगले सौ वर्षों में मुद्रित किताबों की प्रतियाँ 20 करोड़ तक पहुच चुकी थी। 

अख़बार का उदय

समाचार पत्रों का विकास 1600  ई. के आसपास हुआ ऐसा माना जाता है परंतु जनता को सीधे प्रभावित करने वाले मीडिया का रूप लेने में इसको 100 वर्षों का समय लग गया। पहला मुद्रित अखबार 'रिलेशन' था. बाद में, वर्ष 1690 में, बेंजामिन हैरिस ने बोस्टन में पहले औपनिवेशिक समाचार पत्र को मुद्रित किया। उन्नीसवीं सदी में अखबार के संचालन में वृद्धि हुई थी। पहला आफ्रिकन-अमेरिकन समाचार पटरा 1927 में "फ्रीडम्स जर्नल" के नाम से प्रकाशित हुआ। 19 वीं सदी के अंत तक प्रिंट मीडीया किताबों, पर्चों, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों के रूप में पाया जाने लगा। अखबारों ने दूरदराज के स्थानों पर लोगों को दुनिया के बारे में सभी आवश्यक जानकारी प्रदान की। आज भी, अखबार जानकारी का एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्रोत बने हुए हैं.

टेलीग्राफ और टेलीफोन
पहला टेलीग्राफ लाइन शमूएल मोर्स द्वारा वर्ष 1844 में स्थापित किया गया था. वर्ष 1858 में पहला ट्रान्साटलांटिक केबल स्थापित किया गया था ताकि लोगों से आसान संवाद किया जा सके। टेलीफोन संचार के क्षेत्र में एक क्रांति 1876 मे उस वक्त आई जब अलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा टेलीफोन आविष्कार किया गया। आज लोग अपने घरो मे आराम से बैठ कर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बात कर पाने सक्षम है।

रेडियो और टेलीविजन
इस बीच , वर्ष 1885 में , जॉर्ज ईस्टमैन फोटो फिल्म का आविष्कार किया. ईस्टमैन द्वारा विकसित की फिल्म नें वर्ष 1899 में ' नेशनल ज्योग्राफिक ' में तस्वीरें पेश करने गिल्बर्ट ग्रॉसवेनर की मदद की। टीवी और रेडियो के उद्भव के साथ बीसवीं सदी में प्रिंट मीडिया अपनी लोकप्रियता खोने लगा। 

वर्ष 1894 के दौरान,  गुग्लियेल्मो मारकोनी द्वारा रेडियो का आविष्कार किया गया था। रेडियो विद्युत चुंबकीय तरंगों के संचरण के सिद्धांत पर काम करता है। रेडियो कार्यक्रमों का प्रसारण शुरू हुआ और देखते ही देखते यह जनता के लिए मनोरंजन का एक प्रमुख स्रोत बन गया। 

वर्ष 1925 में जॉन लोगी बेयर्ड द्वारा टेलीविजन का आविष्कार किया गया। पहला टेलीविजन प्रसारण फिलो फार्न्सवर्थ द्वारा वर्ष 1927 में किया गया था। वॉल्ट डिज्नी नें वर्ष 1932 में दुनिया का पहला पूरी तरह से रंगीन फिल्म "फ्लॉवर्स एंड ट्रीस" का निर्माण किया यही काला और सफेद टेलीविजन अमेरिकी घर का एक हिस्सा बन गया। चांद पर नील आर्मस्ट्रांग की पैदल दूरी पर वर्ष 1969 में , पूरे विश्व में रंगीन टेलीविजन पर प्रसारित किया गया था। इस रूप में मास मीडिया पूरी तरह से तकनीक पर निर्भर हो 

इंटरनेट और स्मार्टफ़ोन
बीसवीं सदी के मध्य में इंटरनेट विकसित हुआ। इंटरनेट के उद्भव के साथ ही पूरी दुनिया एक दूसरे से जुड़ गई। 1970 के दशक के दौरान ई - मेल प्रौद्योगिकी विकसित हुई। वर्ष 1990 में टिम बर्नर्स ली डब्लू डब्लू डब्लू  (वर्ल्ड वाइड वेब ) का विचार लेकर आये। वर्ष 2004 तक  इंटरनेट ब्रॉड बेंड आधे से ज्यादा अमेरिकी घरो मे जा पहुचा। आज 2 अरब से भी ज्यादा लोग इंटरनेट क़ा उपयोग कर रहे है। आज दुनिया हमारी उंगलिओं पर है। महज़ एक क्लिक के साथ हम जो कुछ भी चाहते है उसे खोज सकते है। हाल के दिनों में , स्मार्टफोन्स की शुरूआत से लोगों के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन आया है। अब लोगो को बहुमूल्य जानकारी प्राप्त करने के लिए घंटो इंतजार नहीं करना पड़ता।  इस डिवाइस की पोर्टेबिलिटी एक अतिरिक्त लाभ है। टचस्क्रीन, जीपीएस, वेब ब्राउज़र, वाई फाई कनेक्टिविटी और अन्य कई तरीको के सुविधाओं ने स्मार्टफोन्स को और अधिक फायदेमंद और सुविधाजनक बना दिया है। 

महत्वपूर्ण आविष्कार

कम्प्यूटर - चार्ल्स बैबेज
मोबाइल फ़ोनों - मार्टिन कूपर
प्रिंटिंग प्रेस - जोहानिस गूटेनबर्ग
टेलीविजन - जे एल बेयर्ड
रेडियो - मारकोनी
वर्ल्ड वाइड वेब (www) - टिम बर्नर्स ली

आज मास मीडिया कई मायनों में दुनिया जुड़ा हुआ है। आज यह एक सुपर शक्ति बन चुका है। हम वर्तमान मे हम सिर्फ अखबारों, टीवी और इंटरनेट को मास मीडिया के बारे में सोचते है। लेकिन यह फिलहाल कुछ अगले वर्षो के लिये ही है आने वाले कुछ दशकों या सेंकड़ो वर्षो बाद यही मास मीडीया किस रूप मे हमारे सामने होगा कहना मुश्किल है।  संभवतः मोबाइल फोन के विचारों की शक्ति पर काम करेंगे? सभ्यता की और प्रगति होगी और एक नयी दुनिया हम देख सकेंगे ऐसी सोच हम रख सकते है। 



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